प्रस्तावना कौशल का अर्थ परिभाषा घटक

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प्रस्तावना कौशल
प्रस्तावना कौशल

प्रस्तावना कौशल

प्रस्तावना कौशल का अर्थ

प्रस्तावना अंग्रेजी के Introduct का हिन्दी रूपान्तरण है जिसका अभिप्राय होता है परिचय करना, अर्थात् शिक्षक द्वारा छात्रों के पूर्व ज्ञान का परिचय करके छात्रों को पाठ्यवस्तु (शीर्षक) से परिचय करना है अंग्रेजी में एक कहावत है कि जो काम आरम्भ में अच्छा हो तो मान लीजिये कि आपका आधा काम बन गया। प्रस्तावना भी शिक्षण का प्रथम बिन्दु है। जिस पर अध्यापक के शिक्षण की सफलता और असफलता निर्भर करती है। 

इस कौशल से छात्र नई सामग्री को सीखने के लिए अपने आपको अपने पूर्वज्ञान से जोड़कर तैयार करते हैं तथा शिक्षक दोनों के बीच में तारतम्यता लाने का कार्य करता है तथा पाठ के प्रति उनकी रुचि बढ़ जाती है। छात्रों का ध्यान अधिगम के लिए केन्द्रित हो जाता है अतः एक अच्छी प्रस्तावना निकालना एक कला है और वह शिक्षक जो प्रस्तावना निकालता है वह एक अच्छा कलाकार माना जाता है। पाठ प्रस्तावना प्रश्न निकलवाने के लिए अनेक विधियों का प्रयोग किया जा सकता है। प्रस्तावना निकलवाते समय शिक्षक को दो बातों का विशिष्ट ध्यान देना चाहिए- एक तो प्रस्तावना पूर्व ज्ञान पर निर्भर हो तथा दूसरा, प्रश्न एक-दूसरे से सुव्यवस्थित होने चाहिए।

प्रस्तावना कौशल का प्रयोग क्यों और कैसे?

प्रस्तावना का प्रयोग ऐसे समय पर करना चाहिए तथा जब छात्रों को ध्यान कक्षा कक्ष में केन्द्रित हों तथा पढ़ने को तैयार हों। इसके लिए अध्यापक सरल एवं सुगम बनाने के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग करना चाहिए। जैसे—कहानी सुनना, उदाहरण देना, मॉडल दिखाना, चित्र या नक्शा दिखाना, कविता सुनाना, सम्बन्धित शीर्षक से जुड़ी हुई घटना याद दिलाना तथा वस्तु आदि इन सभी का प्रयोग करते समय यह विशिष्ट रूप से याद रखना चाहिए कि आपके प्रस्तावना प्रश्न रोचक होने चाहिए तथा उद्देश्य से सम्बन्धित होने चाहिए। अतः शिक्षक के द्वारा उन्हीं युक्तियों का प्रयोग करना चाहिए जिससे प्रस्तावना सुलभता से प्राप्त हो सके ।

प्रस्तावना कौशल का प्रयोग कब?

उपरोक्त विवरण से स्पष्ट किया जा चुका है कि प्रस्तावना का प्रयोग पाठ के आरम्भ में शिक्षक द्वारा किया जाता है। लेकिन वृहद् परियोजना में कुछ शिक्षण के केन्द्र ऐसे भी हैं जहाँ प्रस्तावना प्रश्न किये जा सकते हैं। जो निम्नवत् हैं- 

  • 1. पाठ के आरम्भ में
  • 2. प्रकरण के परिवर्तन में 
  • 3. प्रश्न और उत्तर से पूर्व
  • 4. तर्क-वितर्क से पूर्व
  • 5. सहायक सामग्री के प्रयोग से पूर्व

अतः इनका प्रयोग यथास्थान करना चाहिए जिससे छात्रों में अधिगम प्रभावी तथा शिक्षण रुचियाँ प्रेरणात्मक हो।

अच्छी प्रस्तावना कौशल के लक्षण 

एक अच्छी प्रस्तावना में निम्नलिखित गुण पाये जाते हैं- 

  • प्रस्तावना छात्रों के पूर्वज्ञान से सम्बन्धित होनी चाहिए।
  • प्रस्तावना निकलवाने के प्रयोग में लायी युक्तियाँ विषय-वस्तु के अनुरूप होनी चाहिए।
  • प्रस्तावना छात्रों में उत्साह और रुचि तथा पाठ को प्रेरणात्मक रूप देने में सक्षम हो।
  • प्रस्तावना शिक्षक को उत्साह एवं पूर्ण जागृति के साथ करनी चाहिए।
  • नवीन शिक्षण वस्तु तथा पूर्व ज्ञान में सम्बन्ध (Relation) स्थापित करने में सक्षम हो।

प्रस्तावना कौशल के घटक

  • कथनों एवं प्रश्नों का पूर्व ज्ञान से सम्बन्ध।
  • कथनों तथा प्रश्नों का मूल पाठ तथा उसके उद्देश्यों से सम्बन्ध। 
  • विचारों, प्रश्नों एवं कथनों में श्रृंखलावद्धता।
  • प्रश्नों में आपसी तालमेल।
  • पाठ उद्देश्य एवं छात्रों के स्तर के अनुरूप सहायक सामग्री का प्रयोग करना।
  • छात्रों की रुचि तथा स्तर का ध्यान रखना।
  • छात्रों को अभिप्रेरित करने की क्षमता।
  • उपयुक्त एवं समुचित अवधि विस्तार।
  • अध्यापक में उत्साह एवं सजगता

प्रस्तावना कौशल का प्रारूप

कौशल प्रस्तावना
सूक्ष्म पाठ योजना- हिन्दी भाषा
दिनांक: ……..
विषय: हिंदी भाषा
अवधि: 5 मिनट
शिक्षण का दिन: …….
कक्षा: VIII
प्रकरण: हमारा राष्ट्रीय ध्वज
कौशल का नाम- पाठ प्रस्तावना कौशल
कौशल के घटक-
1.कथनों एवं प्रश्नों का पूर्व ज्ञान से सम्बन्ध।
2. कथनों एवं प्रश्नों का मूल पाठ तथा उसके उद्देश्यों से सम्बन्ध।
3. विचारों, कथनों एवं छात्रों में श्रृंखला बद्धता।
4. पाठ उद्देश्य एवं छात्रों के स्तर के उपयुक्त साधनों का प्रयोग करना।
5. उपयुक्त एवं समुचित अवधि विस्तार।
6. छात्र ध्यान एवं रुचि आकर्षण।
7. छात्रों को अभिप्रेरित करने की क्षमता।
8. अध्यापक में उत्साह एवं सजगता।
शिक्षक कथनछात्र कथन
शिक्षक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज दिखाकर प्रश्न पूछे जायेंगे।
1. इस झण्डे में कितने रंग हैं ?तीन रंग (केसरिया, सफेद, हरा)
2. इन तीन रंगों का ही चुनाव क्यों किया गया है ?केसरिया— त्याग, तपस्या, सफेद— सत्य और पवित्रता, हरा रंग— समृद्धिशीलता का प्रतीक है।
3. इसके बीच में क्या बना हुआ है ?चक्र
4. इस झण्डे में चक्र को क्यों बनाया गया है ?यह अहिंसा, प्रेम, विश्वमैत्री एवं विश्व शान्ति का प्रतीक है ।
उद्देश्य कथन– अतः आज हम अपनी पाठ्य पुस्तक में पाठ ‘हमारी राष्ट्रीय ध्वज’ का अध्ययन करेंगे।

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